दिल में दफन कितने राज हैं
साथ तन्हाई मेरे अल्फाज हैं।
हम रोते हैं तो रोते हैं साथ ये
मेरा तन मन मेरे अल्फाज हैं।
छोड़ मझधार में वो चले गए
मेरी मंजिल ही मेरे अल्फाज हैं।
दास मेरा आईना ये हमशक्ल
मुझे अजीज ये मेरे अल्फाज हैं।
मुझ से चाहते नहीं कुछ कभी
मेरी झोलीभरते मेरे अल्फाज हैं I