ये जो धुआं धुआं सा है
तपिश सी लग रही है
ये किसी की दिल की जलन नहीं
ये मोहब्बत की श्रेष्ठतम शिखर है।
पहुंचकर जहां किसी की भी ना फिकर है।
बस मोहब्बत है
इनायत है
कबायत है
बस ये दिलों की शरारत है....
यह सिर्फ़ और सिर्फ़ मोहब्बत है..
यह सिर्फ़ और सिर्फ़ मोहब्बत है...