हर रिश्ते में लोग मतलबी सपना देखते।
इंसानियत दरकिनार कर फंसना देखते।।
ठुकरा देते लोग गरीब देखकर इंसाँ को।
अपने से नीचे बेतकल्लुफ अदना देखते।।
भूल जाते खुशबू नही कागज के फ़ूलों में।
कलयुगी ज़माने में बनावटी हँसना देखते।।
कम इंसान मिलेंगे 'उपदेश' ज़न सेवा में।
सेवा करने वाले हर एक में अपना देखते।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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