हार जाना अंत नहीं
हार मानना अंत का आगाज है
कोई नहीं चाहता हार जाना
क्योंकि हार को सब तुच्छ समझते
पर ये भी सोचना कि
हार कैसे आती है?
कोशिश करने पर भी हार आ जाती है
कोशिश किए बिना हार भी कहाँ आती है
पर ये भी सोचना कि
जीत कैसे आती है ?
कोशिश करते रहने से जीत आती है
बिना कोशिश के जीत भी कहाँ आती है
समय सब को मौका देती है
हार को मिटाने की नहीं
हार से कुछ सीख पाने की
क्योंकि हार जीत का पहला कदम है
हार गम में डुबा देती है
फिर वही गम हमे सुधार भी करती है
पर गुमराही मत होना कभी क्योंकि
हारने वाले / जीतनेवाले दोनों भी
किसी न किसी दिन मर जाते है
पर मन जाने की, अमर बनने की अंतर तो है न ?