सोने के चिड़िया उपमित भारत,
फड़फड़ा रही है बेचारी चिड़िया,
पुरातन अस्तित्व बहाली के लिए,
दैविक नही,भटकन है समाज की ,
वक्त का तकाजा,सामयिक निदान,
रात गई बात गई,ले लो अब संज्ञान,
विषमता वैश्वीकरण के दौर में,
आफतें बढ़ रही परस्पर होड़ में,
संरक्षित रहे सोने की चिड़िया तो,
....... देश के चप्पे चप्पे में ,
गरीब की कुटिया की महत्ता,
अमीर की कुतिया के बसेरे ,
भव्य कुत्ताघर_डॉगहाउस से ,
यदि बेहतरीन नहीं होगी तो,
देश के मुकुट पर विराजमान ,
सोने की चिड़िया के सुसंस्कृत,
हजारों सालों से सहेजे मुकुट को,
असभ्य घृणित अनाचारी कृत्यों ,
थप्पड़ लात घूंसे झगड़े चोरी ,
लूटपाट आगजनी धोखेबाजी
गोलीबारी नशातस्करी दलाली
फिरौती मिलावट_सीनाजोरी
हत्या भ्रष्टाचार हिसा अपहरण
हेराफेरी घपले अस्मिताहरण
रूपी गिद्ध उल्लू चील बाज़ के,
दनादन निर्मोही जीवों के चंचू प्रहार ,
चिड़िया(समाज) को मुकुट(देश)सहित,
लहूलुहान करके धराशाई कर देंगे,
और भविष्य ढूंढता रह जाएगा,
फड़फड़ाती हुई स्वर्णमुकुटविहीन ,
अभागी सोने की चिड़िया को !
✒️ राजेश कुमार कौशल
[हमीरपुर , हिमाचल प्रदेश]