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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

माफीनामा

कापीराइट गजल
    
माफीनामा

ना जाने क्यूं रूठ गई मेरी एक छोटी बहना
राह देखता हूं उसकी कोई जाकर उससे कहना

 

रोज ढूंढ़ता हूं तुम को लिखनतु के हर पन्ने पर
मेरी छोटी सी गलती से रूठ गई मेरी बहना

 

क्या तेरी भोली सी रचना हमको ना मिल पाएगी
इतना गुस्सा ठीक नहीं है लौट के आ मेरी बहना

 

लिखनतु का ये हर पन्ना लगता है मुझको सूना
तेरी एक झलक पाने को तरस गए हम बहना

 

कदम खींच लिए क्यों तूने मेरी एक नादानी से
नई रचना संग आ जाओ ओ मेरी प्यारी बहना

 

गर तू नहीं लौटकर आई हम भी कलम छोड़ देंगे
हम अपने लब सी लेंगे गर तुम ना आई बहना

 

मेरी एक भूल से ही ये कलम तुम्हारी बन्द हुई
कान पकड़ कहता यादव माफ करो मुझको बहना

  -      लेखराम यादव
( मौलिक  रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Adarneey Yadav Sir Saadar Pranam 🙏🙏, Bahut sundar Ghazal padhne ko mili, aur aapka sahaz swabhav isko aur prerak aur akarshak banata hai

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार जो आपने हमारी इस तुच्छ सी गजल पर अपनी नजरें इनायत की।

कमलकांत घिरी said

Sir ji आपने हमारी दीदी जी को मनाने का बहुत ही बेहतरीन प्रयास किया है हमें पूर्ण भरोसा है आपके इस बेहतरीन गज़ल पर जो विनम्र भाव से दीदी जी को मनाने को तत्पर हैं और हमें हमारी दीदी जी पर भी भरोसा है जो आपके इस गज़ल को पढ़ने के बाद आपसे जो भी नाराज़गी है उसे छोड़ देंगी, 😊प्रणाम सर जी आपको🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सर्वप्रथम आपको बधाई हो कमलकांत भाई, नई सूची में आपका नाम सबसे ऊपर देखकर दिल बहुत खुश हो गया, रचना पसन्द करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

कमलकांत घिरी said

बधाइयां देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार सहित धन्यवाद सर जी, और इसी बात के लिए बधाइयां मेरी ओर से आपको भी सर जी💐👏🙏 मगर एक बात बताएं आपको हमें जितनी खुशी अपना नाम रचनाकारों की श्रेणी में पहले स्थान में देखकर हुआ उससे कहीं ज्यादा खुशी ये देखकर हुआ कि हमारा और आपका नाम बिल्कुल एक दूसरे के करीब है सर जी💐🙏😊और फिर ऊपर भी देखिए न कविता की खूंटी में हम और आप एक साथ एक दूसरे के बिल्कुल करीब ही टंगे हुए हैं 😄🙏💐आपको सादर प्रणाम सर जी 🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार कमलकांत भाई।

वन्दना सूद said

शायराना अंदाज़ में रूठना मनाना बहुत खूबसूरत लगा 👏👏👌👌

Lekhram Yadav replied

वन्दना जी आपको धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar gazal, kamalkant ji didi to sirf mujhe kahte hai, or aap choti bahan mujhe bhi kahte hai or shreyasi ji ko bhi to samajh nhi aaya apne ye gazal kiske liye likhi mere liye ya shreyasi ji ke liye, waise shreyasi ji ke pratiuttar se to yahi lag raha hai ki ye gazal unke liye hai... Khair gazal bahut acchi hai

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना, आप गलत न समझें, यह गजल मैंने श्रेयसी जी के लिए लिखी थी क्योंकि मैंने एक दिन उनकी एक रचना में कुछ त्रुटियां निकाली थी तब श्रेयसी जी ने कहा था कि वो आगे से लिखेंगे ही नहीं और तीन चार दिन तक उनकी कोई पोस्ट भी लिखनतु पर नहीं आई। इसलिए यह गजल माफीनामा के रूप में लिखी थी। मगर आप कहां थी, ये पोस्ट तो परसों प्रकाशित हुई थी और आप आज प्रतिक्रिया दे रही हैं। रही बात कमलकांत भाई की उन्हें भी यह मालूम नहीं है यह गजल किस छोटी बहना के लिए लिखी गई है।

कमलकांत घिरी said

आप बिल्कुल सही कह रहें हैं सर जी हमें मालूम नहीं था कि ये रचना आप श्रेयसी मैम के लिए लिखें हैं, मैंने कुछ दिन पहले आपका और रीना दीदी के बीच का एक नाराजगी जताती समीक्षा पढ़ा था तो मुझे लगा कि ये रचना रीना दीदी के लिए है🙏 भूल चुक फ़ामी 🙏 प्रणाम स्वीकार करें सर जी 🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित सादर नमस्कार कमलकांत भाई, इसमें गलती हमारी ही थी। एक तो बुखार उपर से याददाश्त का कमजोर होना, दोनों ही बातों ने मुझे भूलाने में अपना योगदान दिया और मैं स्पष्ट नहीं कर पाया कि गजल - माफ़ीनामा किसके संदर्भ में लिखी थी। मेरी वजह से आपको जो गलतफहमी और कष्ट हुआ उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।

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