मानवता की नाव पार तो कराएगी।
शाश्वता की नजर मान तो बढ़ाएगी।।
उसूलों के नगर में मर्यादा की डगर।
रिश्तों की रंगोली बखूबी सजाएगी।।
सच की दीवार पर प्रेम की तस्वीर।
मायावी जग को याद तो दिलाएगी।।
अंधकार कितना भी डरा कर माने।
उजाले का प्रताप मेल तो कराएगी।।
झूठ की पोल खोल देगा 'उपदेश'।
सच्चाई जानेगी तब तो लजाएगी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद