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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - बादल भी समन्दर पर ही टूट के बरसे

"ग़ज़ल"

बादल भी समन्दर पर ही टूट के बरसे!
सहरा का ये आलम कि दो बूॅंद को तरसे!!

रोटी का मसला था तलाश में रोज़ी के!
वापस ही नहीं लौटा निकला जो वो घर से!!

दिल बारहा कहता है वो न लौट के आएगा!
ऑंखें हैं कि चिपकी हैं आज भी दर से!!

सच्चाई का रस्ता था काॅंटों से भरा लेकिन!
मैं चलता रहा उस पे अल्लाह के डर से!!

मिलता है सुकूॅं फिर तो मौत की बाहों में!
उठ जाए यक़ीं जिस दम ज़िंदगी पर से!!

गिर कर कभी 'परवेज़' वो उठ नहीं सकता!
जब आदमी गिर जाए ख़ुद अपनी नज़र से!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

सुभाष कुमार यादव said

बेहद खूबसूरत ग़ज़ल।
बादल भी समन्दर पर ही टूट के बरसे!
सहरा का ये आलम कि दो बूॅंद को तरसे!!..👌🙏

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना, जब आदमी गिर जाए ख़ुद अपनी नज़र से तो भला कैसे उठ पाएगा, बहुत सुन्दर संदेश, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

इक़बाल सिंह “राशा“ said

परवेज जी
बहुत उम्दा ग़ज़ल हर शेर में ज़िंदगी की तल्ख़ हक़ीक़त और गहरी सीख समाई हुई है बहुत बढ़िया सर जी

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह परवेज जी, क्या खूब लिखा है आपने। बरसात का कहर, और जिंदगी का मीठा जहर सब कुछ,जीवन की कड़वी सच्चाई को खूबसूरत शब्दों से सजाया है आपने।जो गिरा औरों की नजर से,माना सहारा न मिला,वो खुद की नजर से गिरा तो किनारा न मिला।👌👌🙏🙏

श्रेयसी said

वाह-वाह लाज़वाब रचना 🙏🙏

वन्दना सूद said

बहुत सही कहा आपने 👌👌👏👏जब आदमी गिर जाए ख़ुद अपनी नज़र से

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, सुभाष जी! मेहरबानी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, यादव जी! मेहरबानी! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, राशा जी! इनायत! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, मनोज जी! इनायत! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, श्रेयसी जी! नवाज़िश! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, वन्दना जी! नवाज़िश! ❤️🙏

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