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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तेरी आँखों में जो उलझा - सुलझना भूल बैठा हूँ - अशोक कुमार पचौरी

तेरी आँखों में जो उलझा, सुलझना भूल बैठा हूँ,
तेरी बाहों की खुशबू में, महकना भूल बैठा हूँ।

चली आई थी चुपके से, वो सावन की फुहारों सी,
मैं सूखी डाल था, हरियाल होना भूल बैठा हूँ।

तेरे होठों से छलका है, जो जादू चाँदनी जैसा,
मैं अपनी रात के आँगन में जलना भूल बैठा हूँ।

मुझे छू कर गुजरती है तेरी बातों की सौंधी हवा,
मैं पत्थर था, मगर अब संगमरमर सा पिघलता हूँ।

तेरी ज़ुल्फों की छाँवों में जो इक सपना सजाया था,
उसी सपने में जीता हूँ, जगाना भूल बैठा हूँ।

----अशोक कुमार पचौरी


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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वन्दना सूद said

क्या बात है अशोक जी 👌👌👏👏😊गज़ब

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Saadar pranam mam 🙏🙏, Sameeksha ke liye bahut abhaar...

कमलकांत घिरी said

वाह बेहद खूबसूरत रचना आर्द्र सर जी 👌 लाज़वाब 🙌😊👏🙏 प्रणाम 🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka bahut bahut abhaar Kant Sir, aapko saadar pranam...Aajkal chhaye huye hain aap...Isi tarah chaaye rahein..🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

चली आई थी चुपके से वो सावन की फुहारों सी, मैं सुखी डाल था हरियाला होना भूल बैठा हूं।मुझे छूकर गुजरती है तेरी बातों की सौंधी हवा..... क्या बात है लाजवाब बेमिसाल, पूरी रचना बहुत ही खूबसूरत है पर इन पंक्तियों ने दिल को अंदर तक जाके छू लिया बहुत खूबसूरत लिखा भय्या 👏👏👌वैसे उन पंक्तियों को आगे बढ़ाना मत भूलना😊😊🙏🙏प्रणाम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka bahut abhaar Adarneey Mam 🙏🙏 aapki sameeksha ke liye shukriya M poori koshish karunga Panktiyon ko jaari rakhne ki...aapki duayein aur pyar yun hi bana rahe..

Lekhram Yadav said

क्या बहुत सर जी आज तो आप प्यार की सभी हदों से गुजर गए हो और भूल तो आप हमें भी गए हो, बहुत खूबसूरत रचना, आपको सादर नमस्कार

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka Bahut Abhaar Adarneey Yadav Sir...Aapko Saadar Pranam...Aapki shikayat jaayaz hai...lekin Param Satya yeh hai ki aapko kabhi bhi bhulaya nahi ja sakta...punah abhar evam Sadar pranam 🙏🙏

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