संकल्प की उड़ान
शिवानी जैन एडवोकेटByss
विजय नहीं मिलती सहज ही,
राहों में कांटे बिछे होते हैं,
अडिग इरादा, दृढ़ संकल्प,
हर बाधा को पार करते हैं।
सपनों की लौ जलती रहे मन में,
निराशा का न हो कोई डेरा,
लगातार प्रयास की शक्ति से,
मिट जाता हर अँधेरा।
गिरकर उठना, फिर से चलना,
यही तो है वीरों की कहानी,
लक्ष्य पर जिसकी नज़र टिकी हो,
वही छूता है विजय की निशानी।
संघर्ष की भट्टी में तपकर,
निखरता है व्यक्तित्व महान,
विजय का तिलक उसी को मिलता,
जो रखता है अटूट ईमान।