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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

क्या समा है

कितनी आंधियां हैं ?
कितने तूफ़ान हैं ?
ऐसे में वो जगह खड़े हम जहां,
वो भी कितनी अनजान है ?

क्या हवा है ?
क्या समा है ?
ये जो है सामने मेरे मंज़र,
इसका क्या मज़ा है ?

हमारे माथे पर पानी की बूॅंदें हैं
और है सुरज भी,
दूर कहीं क्षितिज पर काले बादल हैं
और है इन्द्रधनुष भी।
जो भी है बड़ा सुहाना है,
गा रहा ये मौसम कोई गाना है।

इस इन्द्रधनुष के बीच बादल ऐसे सजे
मानो पहाड़ी से धारा बह रही हो।
और पास मेरे हवा की ऐसी सरगोशी
कि मानो वो मुझसे कुछ कह रही है।

लगता है आज ये मौसम भी
मेरे लिए ही बदला है,
लगता है आज ये बरसात भी
मेरे लिए ही हुई है।
इस अनजानी भीड़ में तन्हा ना समझूं मैं खुद को,
इसीलिए शायद आज ये हवा भी
मेरे लिए ही चली है।

आज उस इन्द्रधनुष को मैं
बिना पलकें झपकाए निहारे जा रही थी,
ऐसा लग रहा था मानो वो भी मुझे देख रहा हो।
आज बड़ी देर तक ठहरा वो अक्सर इतनी देर
ठहरता नहीं है,
मानो कि मुझसे दोस्ती करने की सोच रहा हो।

~ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

प्रणाम स्वीकार करें रीना Mam, बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति क्या कहने हैं नतमस्तक आपकी रचनात्मकता के सामने

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाई, ये तो आपका बड़प्पन है वरना रचनात्मकता में हमसे तो ज्यादा माहिर हैं आप

Lekhram Yadav said

अति सुन्दर रचना मेरा प्रणाम स्वीकार करें, मेरी प्यारी बहना

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया 🙏 प्रणाम,सुप्रभात

फ़िज़ा said

Bahut khoob bahut achha likha bahut hi pasand aayi aapki rachna

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया फिजा जी

कमलकांत घिरी said

हमें तो आपकी हर रचना बहुत पसंद आती है, आज भी कुछ ऐसा ही हुआ है बहुत सुंदर रचना है रीना दीदी, बहुत ख़ूब 🙌👏👏प्रणाम स्वीकार करें🙏, ।।शुभरात्रि।।

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम 🙏 मन झूम उठा आपकी इतनी सुंदर प्रतिक्रिया पाकर

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