थोड़ा हंस लेते हैं
थोड़ा रो लेते है
हँसते रोते जीवन जी लेते है
कौन हमें समझें है ?
कौन हमें जाने है ?
जाने-समझे न,फिर भी जी लेते है
दर्दे ग़म ज़हर पीते है
गमों को कुर्बानी देते हैं
त्याग बलिदान से जीवन जी लेते है
जग में जंग रोज़ाना करते है
साहस कर हौसला रखते हैं
हासिल हो या गवाएं जीवन जी लेते है
क्या मेरा क्या तेरा है
मेरा तेरा लगा बंटवारा है
मौत कहें तन भी न तेरा क्यों हक करता है