यह बादल जो हैं जीवन में,
....कभी तो छटेंगे जीवन से(2),
क्यों बेचैन होकर जी रहा है तू,
....ख़ुशी के पल भी हैं जीवन में(2)
यह संघर्षों के पल और परीक्षा की घड़ी,
....इसका तो गहरा नाता है....
यह बादल जो हैं जीवन में,
....कभी तो छटेंगे जीवन से(2),
बैठा क्यों है यूं थक कर,
....सुबह का सूरज भी है जीवन में(2),
छोटी चिड़िया से पूछो तुम,
....तेरा कहाँ बसेरा है(2),
बस डाल-डाल भटकती फिरती,
....फिर भी लड़ती रहती जीवन से(2)
यह बादल जो हैं जीवन में,
....कभी तो छटेंगे जीवन से(2),
सर्वाधिकार अधीन है