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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

क्या की है कभी कोशिश

क्या की है तूने कभी कोशिश इस दिल को पढ़ने की
कि इस दिल पे लिखा क्या है,
इस दिल में ढूंढने की
कि इसमें छिपा क्या है।
क्या की है कभी कोशिश.......🖋

क्या की है तूने कभी कोशिश इस दिल को देखने की
कि ये कैसा है,
इस दिल का दर्द समझने की
कि इसका दर्द क्या है।
क्या की है कभी कोशिश........🖋

क्या की है तूने कभी कोशिश इस दिल में घूमने की
कि इस दिल का नजारा क्या है,
इस दिल से प्यार करने की
कि ये कितना प्यारा है।
क्या की है कभी कोशिश.........🖋

क्या की है तूने कभी कोशिश इस दिल के पास आने की
कि इसे तेरा इंतज़ार कितना है,
इस दिल को जानने की
कि इसे तुझसे प्यार कितना है। क्या की है कभी कोशिश.........🖋

क्या की है तूने कभी कोशिश इस दिल के इंतज़ार को
पूरा करने की
कि उसे तेरी ज़रूरत कितनी है,
इस दिल को समझने की
कि इसे तेरी फ़िक्र कितनी है। क्या की है कभी कोशिश..........🖋

~रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

ताज मोहम्मद said

लाज़वाब, बहुत खूब।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया ताज साहब

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Good morning Reena mam Sundar Rachna achcha likha aapane bahut hi acchi lagi lekin vastav mein maine abhi tak aisi koshish nahin ki hai Lekin abhi karunga isase hatke sach mein aapane Bahut khoob likha hai

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका 🙏

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