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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

चांद पूनम का (गीत)

चांद पूनम का हमसे खफा हो गया
जिंदगी में अंधेरा सा क्या हो गया

अब सितारों की महफ़िल तो महफ़िल नहीं
अब तो सीने में लगता है कोई दिल नहीं
रास्ते भी नहीं और मंजिल नहीं
अब तो जीना हमारा सजा हो गया.….

अब तो फूलों की खुशबू सुहाती नहीं
मन को शबनम की बूंदें नहलाती नहीं
चैन मिलता नहीं नींद आती नहीं
दर्द लेने का अब तो नशा हो गया......

धूप सोने सा अब ना न्यारा लगे
गीत भौरों का अब ना प्यारा लगे
सब किनारा लगे बेसहारा लगे
ये अजब सा गजब सा माजरा हो गया......

जिंदगी में अंधेरा सा क्या हो गया।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सरिता पाठक said

चैन मिलता नहीं नींद आती नहीं दर्द लेने का अब तो नशा हो गया, ह्रदय स्पर्शी रचना रचना का एक एक शब्द ह्रदय छू गया 👌आपको सादर प्रणाम 👌

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! वाह! वाह! बहुत ख़ूब, मनोज जी! क्या लिखा है आपने, दिल ख़ुश हो गया! बेहतरीन कविता! लाजवाब! आदाब! 👌👌👏👏

वन्दना सूद said

हृदय को स्पर्श करती हुई आपकी रचना 👌👌

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वन्दना जी, परवेज जी,सरिता जी, मेरी रचना आपको अच्छी लगी, आपने खूबसूरत सराहना की,मेरा हौसला बढ़ाया,आप सभी को सादर प्रणाम करता हूं,सादर आभार 🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

भाव विभोर करती रचना

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर रचना।👌🙏

श्रेयसी said

ये अजब सा गज़ब सा माजरा हो गया.... वाह वाह क्या बात है बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय उपदेश सर जी, सुभाष जी, श्रेयसी मेम
आप सबकी प्रतिक्रिया पाकर हृदय गदगद हो जाता है।तहे दिल से शुक्रिया, नमस्कार।

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