कुछ ऐसा लिखो कि
अपने सारे ग़म भूला दूॅं,
सब कुछ छोड़, तुम्हारी ग़ज़ल में खो जाऊॅं।
रुक जाए ये अश्रुधारा,शिकन मिटे माथे की,
और चेहरे पे मुस्कान ले आऊॅं।
कुछ ऐसा लिखो कि
तुम्हारी ग़ज़ल में अपना अक्स देख सकूॅं,
तुम्हारे हर लफ़्ज़ में ख़ुद को महसूस कर पाऊॅं।
एहसास हो मेरा तुम्हारी ज़िंदगी में होने का,
और हमारे रिश्ते को आसानी से समझ जाऊॅं।
कुछ ऐसा लिखो कि
लगे कदम दर कदम हर वक़्त हर पल साथ तुम्हारे हूॅं,
इतना साधापन दिखे, कि उस कहानी में ख़ुद को पाऊॅं।
तुम्हारे दिल में, ज़ुबां पे मेरा नाम हो,
और हर पंक्ति, हर लफ़्ज़ को बस निहारती रहूॅं।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




