शब्दों की माया
शिवानी जैन एडवोकेट (Byss)
शब्दों की माया,
शब्दों का खेल,
मन को भरमाए,
करे ये मेल।
कभी चुप्पी में छिपे हैं राज़,
कभी शब्दों में दबे हैं साज़।
शब्दों का ये जाल है गहरा,
जहाँ हर कोई है ठहरा।
सत्य की खोज में भटकते राही,
शब्दों के इस वन में गुम हैं कहीं।
शब्दों की ताकत, शब्दों का वार,
मन को जीते, या करे ये हार।
समझना मुश्किल, उलझन अपार,
शब्दों के इस चक्रव्यूह का नहीं है पार।