वक्त पर काम आ जाए फरिश्ता होगा।
खुशियों को ऐसी जगह रह जाना होगा।।
लोगों को लगता किस्मत के अच्छे हम।
शायद व्यवहार से कायल ज़माना होगा।।
कहने को अपने मगर गैर काम आ जाते।
साजिश वाले दांव को मुँह की खाना होगा।।
दर्द के समुन्दर में डूबते डूबते बच गया।
लहर बनकर तुम गाई राग दीवाना होगा।।
दिल में बसकर दिल न दुखाना 'उपदेश'।
तुम्हें ज़ख्म भरने को मरहम लगाना होगा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद