कभी खुद से गहरे सवाल करती है
ये बेचैनिया जबाव तलाश करती है
जीवन तन्हाइयों में जूझ रहा यों ही
उनके बताये रास्ते स्वीकार करती है
जीवन सफलता से चल नही पाता
सच्चाई माने कैसे हिसाब करती है
रिश्ते फ़िसल जाते वक्त के हाथो से
उन्हीं की तलाश में इंतजार करती है
निगाह गौर से ताकती दुनिया के रंग
कलम भी कभी-कभी निराश करती है
चलती नही हमारी-आपकी 'उपदेश'
मोहब्बत के इर्द-गिर्द विहार करती है
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




