New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

'शनि जयंती' दर्श-अमावस्या

Jun 06, 2024 | अध्यात्म जगत | मनीषा  |  👁 849,944

शनि कार्मिक देवा।
चाहे धार्मिक सेवा।

शनि दंडाधिकारी।
सूर्य उत्तराधिकारी।

शनि कर्मफलदाता।
सर्व परम् समज्ञाता।

शनि ही दुःखकर्ता।
सतचित दुःखहर्ता।

शनि ही सुखदायक।
साढ़ेसाती फलदायक।

शनि ढैया कष्टकारी।
बनाए परहित उपकारी।

शनि अतुल्नीय दानी।
सुख समृद्धि समानी।

शनि प्रसन्न सौभाग्य।
देते काट दुर्भाग्य।

शनि प्रिय कर्मकारी।
अप्रिय आलस भारी।

शनि शुद्ध जीवनशिक्षा।
विशुद्ध पाते गुरुदीक्षा।

शनिदेव की जय हो।
शिवसेव्य की जय हो।

कृष्णधार की जय हो।
छायादुलार की जय हो।

भानूपुत्र की जय हो।
यमुनासूत्र की जय हो।

वक्रदृष्टि की जय हो।
चक्रसृष्टि की जय हो।

जय हो श्री शनिदेवा।
स्वीकार करो मेरी सेवा।

रखो दूर दुष्टों से।
रक्षा करो कष्टों से।

देना सन्मति हे देवा।
करते जनमानस सेवा।

जय हो श्री शनिदेवा।
जय हो श्री शनिदेवा।


______मनीषा सिंह








समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Arpita pandey said

Jai Shani dev

मनीषा replied

जय शनिदेव जी! 🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

🙏🙏जय हो श्री शनिदेवा 🙏🙏 - 👍👍

मनीषा replied

जय हो श्री शनिदेवा.. 🙏

अध्यात्म जगत श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन