Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

किसी ने उनको देखा है क्या - अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'

किसी ने उनको देखा है क्या?,
थोड़ी सी बेचैन थीं वो कुछ,
थोड़ा मुझसे नाराज हुईं थीं,
जिनके बिन दिन नहीं था होता,
ना जाने वो कहाँ गयीं हैं,
जब से गयीं हैं रातें हीं हैं,
ना जाने मेरे दिन हैं कहाँ पर?
ना जाने वो कहाँ गयीं हैं,
रात चांदनी, दिन था उजाला
ग़ुम हैं कहीं वो, और रोशनी ,
किसी ने उनको देखा है क्या?,
शब्द थे उनके फूलों जैसे,
ग़ुम हैं उनकी बातें अब तो,
ना वो फूल हैं न वो खुशबू,
किसी ने उनको देखा है क्या?

----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात सहित नमस्कार सर, माफ करना हमने आपकी 'उनको' तो नहीं देखा, मगर आपकी रचना को देखा है जो आपकी 'उनकी' तरह ही शायरी के अल्फाजों से सजी दुल्हन की तरह ही खूबसूरत है। कहो तो घूंघट उठा कर देख लूं और थोड़ा सा गुनगुना लूं।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Pratikriya ke liye bahut bahut abhaar sir ji saadar pranam 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Haaye! Aise kahan chale gaye wo.. 😊👌👌✍️🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Pata nahi mam...tabhi to puch raha hu...

वन्दना सूद said

थोड़ा सा सब्र और कर लीजिए बहुत जल्दी आपका इंतज़ार ख़त्म होगा 😊बहुत सुंदर पंक्तियाँ 👌👌👏👏यकीनन आपके भाव आपके लेखन में सजे होंगे

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka bahut bahut abhaar mam..

श्रेयसी said

Bahut sundar rachnaa Ashok ji 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Bahut bahut aabhar mam

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन