देखा नुक्कड़ फाटकों पर
चौक चौराहे फुटपाथों पर
कईं छोटी छोटी उम्मीदें
पलती हुईं।
कुछ शर्माती कुछ घबराती
हुईं।
हमें इनका भी सहारा बनना है।
अपनी छोटी छोटी खुशियों में
इनको भी रखना है।
है यह खुशी सभी के लिए
ये सारें सुख भोग विलास
सभी के लिए।
इन्हें असीमित करना है।
खुद के लिए खुश होना
बड़ी बात नहीं।
बड़ी बात आखरी पायदान पर बैठे
हर गरीब के लिए खुशी इज़हार करने से है।
जब कोई हँसता कोई रोता है तो
सब बेमानी लगता है।
सभी के होठों पर मुस्कान होनी चाहिए
खुशियां चाहे किसी भी पल के लिए हों
पर खुशी सभी के लिए होनी चाहिए
खुशियां सभी में बटनी चाहिए...
खुशियां सभी में बटनी चाहिए...