जिसे दिल ने अपना माना,
आज उसने दिल तोड़ दिया।
जिसे अपना जिगरी समझा,
आज उसी ने बहुत दर्द दिया।
जिसे बहुत मान सम्मान दिया,
आज उसी ने मेरे आत्मसम्मान को
हिला दिया।
जिसे कभी अपनी मुस्कान की वजह माना,
आज उसने हद से ज़्यादा रूला दिया।
जानती हूॅं,
अभी उस बेखयाली को,ख़याल नहीं इसका,
कि आज उसने क्या कर दिया?
बेवजह बेतुकी बातों को तवज्जो दे,
उसने अपने सबसे करीबी को खो दिया।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




