फूल खिलता है तब भला लगता है
बच्चा रोता है सबको बुरा लगता है
दर्द उसका रुलाता है हर माँ बाप को
दिल बस जिन्दगी की दुआ करता है
किसी शरारत पर डांट पड़ती है मगर
रहे खामोश तो चाक जिगर करता है
उसकी खुशी खुदा की हंसी नेमत है
पाने को आदमी सारे जतन करता है
सामने आती है दास कोई भी उलझन
बच्चों की सोच वह बुराई से डरता है।I

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




