खिचड़ी- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
नई-नई अधिकारी बनकर,
काकी ताई आई है।
कटोरा आगे करो अपने,
खीर भर भर के लाई हैं।
अंकी, इंकी ,डंकी लाल लगा रहे गुहार,
बचा ले मेरी माई।
ले -देकर,
चंगू मंगू से सेटिंग तो करवाओ।
काकी ताई भी होशियार,
एक चतुर नारि।
पकाकर खिचड़ी,
सब गुड़ गोबर कर डाला।