धीमे धीमे सुधर रहे है गाँव हमारे सपनो के।
प्यार मोहब्बत में कमी आने लगी अपनो के।।
आब-ओ-हवा में तबदीली देखी है शहरो में।
कोशिश ठीक-ठाक गतिरोध हमारे अपनो के।।
पर्यावरण संरक्षण करना आवश्यक 'उपदेश'।
न्यायालय का दखल विचार हमारे अपनो के।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद