हाथ म मोर तै हाथ दे दे,
जिनगी भर के तै साथ दे दे।
मया के बंधना छूटे न कभू,
प्रीत के डोरी म तै ऐसे गाँठ दे दे।
हाथ म मोर तै हाथ दे दे,
जिनगी भर के तै साथ दे दे।
तोर मया म ले लैं मैं जोग,
बिन सोचे मोला होगे प्रेम रोग,
बेरस जिनगी ल नवा साज दे दे,
हाथ म मोर तै हाथ दे दे,
जिनगी भर के तै साथ दे दे।
बिन पानी मछरी बरोबर तरपत हे मोर मन,
विरह के अग्नि म जरत हे मोर तन,
मनमयूर ल तै बरसात दे दे,
हाथ म मोर तै हाथ दे दे,
जिनगी भर के तै साथ दे दे।
बस के एक दूसर के साँस म,
चल उड़ चली अगास म,
सात जनम तक तै साथ देबे,
हाथ म मोर तै हाथ दे दे,
जिनगी भर के तै साथ दे दे।
🖊️सुभाष कुमार यादव