कविता - शायद तभी....
न किसी ने इश्क लड़ाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने गले से लगाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने समझाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने रास्ता दिखाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने नजर मिलाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने पास बुलाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने बहलाया
शायद तभी प्यार करने न आया
न किसी ने सहलाया
शायद तभी प्यार करने न आया
शायद तभी प्यार करने न आया.......