दिल करता है इस रिश्ते का,
सबसे अच्छा गीत लिखूं ।
मैं फिर राजा भैया बन जाऊं,
उस पगली की प्रीत लिखूं ।
बचपन का हर खेल में जीता,
वह रोकर जीती कभी कभी ।
दुल्हन बन सिमटी गुड़िया की,
आज तो सच्ची जीत लिखूं ।
मेरा को मेला कहती थी,
वो बचपन में तुतलती थी।
उसकी कही हर एक बात,
मुझको समझ में आती थी ।
निर्थक शब्दों की लय लिखूं,
या सम्मुख खड़ा संगीत लिखूं ।
जब राजा भैया दुल्हा बनेगा,
मैं तो छम छम नाचूंगी ।
परदेशी भैया की पाती,
मैं खुद ही बांचूंगी ।
मुझसे पहले विदा हुई वो,
संयोग लिखूं या रीत लिखूँ ।
दिल करता है इस रिश्ते का,
सबसे अच्छा गीत लिखूं ।
मैं फिर राजा भैया बन जाऊं,
उस पगली की प्रीत लिखूं ।
@छगन सिंह जेरठी
@Chhagan Singh Jerthi

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




