बहुत मासूम बन लिए हम,
मिला कुछ भी नहीं हमे मासूम बनके।
किसी ने गाली दी तो किसी ने दिल तोड़ा
किसी ने बदनामी का जबरदस्त तमाचा मारा,
बस यही मिला हमे ये सब करके।
मोहब्बतें बहुत लूटा दी हमने और
बदले में हमे सिर्फ़ नफ़रतें मिली।
बहुत देख लिया लोगों ने मेरा साधापन,
अब ये मेरी बे-रूख़ी देखेंगे।
अब ये लोग जो हमे दर्द पर दर्द दिए जा रहे हैं
मेरा गुस्सा देखेंगे,
अब ये मुझसे थर - थर कांपेंगे,
तभी समझेंगे ये कि हम क्या चीज़ हैं
जब ये मेरा इंतिक़ाम देखेंगे।
बड़ी इज़्ज़त दी मैंने लोगों को,
पर मुझे इनसे सिर्फ़ रुसवाई मिली।
वफ़ा क्या होती है ये बहुत बता दिया मैंने इन्हें,
अब ये मेरी बे-वफ़ाई देखेंगे।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️