अब भी गुज़रा हुआ वो ज़माना याद आता है
हर दिन बार-बार वही ठिकाना याद आता है
कभी हरदम गूंजा करते थे कहकहे जहांँ
आज वो मसान सा वीराना याद आता है
वो कहता था मुझसे झील सी है आँखें तेरी
मेरी आंँखों में उसका डूबे रहना याद आता है
उसके जैसी दीवानगी कहीं मैंने देखी नहीं
अंगारों पर चलने वाला वो दीवाना याद आता है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




