👉 बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मुसद्दस मख़बून महज़ूफ़ मक़तू
👉 वज़्न - 2122 1212 22
👉 अरकान - फ़ाएलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
👉 क़ाफ़िया - आ
👉 रदीफ़ - गया कोई
पास कुछ ऐसे आ गया कोई
मुझ को मुझ से चुरा गया कोई
टूट कर चूर-चूर बिखरा था
फ़िर से जीना सिखा गया कोई
मैंने दफ़ना दिए थे सारे जो
ख़्वाब फ़िर से जगा गया कोई
दिल परेशान था ये आँखे नम
रोते-रोते हँसा गया कोई
चाँद लगता नहीं है अब दिलकश
कुछ यूँ दिल को लुभा गया कोई
जिंदगी मेरी थी जहन्नुम सी
रश्क-ए-जन्नत बना गया कोई
आज जाना है इश्क़ का मतलब
अपना सब कुछ लुटा गया कोई
बिन पिए 'शाद' मस्त रहता हूँ
यूँ नज़र से पिला गया कोई
©विवेक'शाद'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




