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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कविता - मैं कैसा हूं....?

कविता - मैं कैसा हूं....?
प्रिय आप तो
बहुत सुंदर हो
सुंदर क्या मेरे
दिल के अंदर हो

प्रिय आप तो बहुत
अच्छी क्विट हो
बहुत अच्छी क्विट क्या ?
मेरे लिए फिट हो

मगर मैं भोला भाला ऐसा हूं
पता नहीं आप के लिए कैसा हूं ?

प्रिय आप तो बड़ी
चंचल हो
करती मेरे दिल में
हलचल हो

प्रिय आप तो कविता
और कहानी हो
कविता और कहानी क्या ?
दिल की मेरी रानी हो

मगर मैं भोला भाला ऐसा हूं
पता नहीं आप के लिए कैसा हूं ?

प्रिय आप तो शिर के
ऊपर चढ़ कर हो
शिर के ऊपर चढ़ कर क्या ?
चांद से भी बढ़ कर हो

प्रिय आप तो मेरे लिए
रुपए पैसे धन हो
रुपए पैसे धन क्या ?
आप नंबर वन हो

मगर मैं भोला भाला ऐसा हूं
पता नहीं आप के लिए कैसा हूं ?
पता नहीं आप के लिए कैसा हूं.......?




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

श्रीमान जी को प्रणाम, आप जैसे भी हैं बहुत अच्छे नेक दिल हैं मैंने तो आपको हमेशा नेक दिल ही पाया है आपकी रचनाओं में चाहे वो बाल कविता हो या मिया बीवी का आपस का झगड़ा या प्रेम या राह से भटकते शिक्षार्थी आपने हर जगह अपनी समझ सूझ बुझ से अपने नेक होने का ही परिचय दिया है तो इसका जबाब तो यही है = "आप वास्तव में एक नेक दिल जिन्दा दिल इंसान हैं"

नेत्र प्रसाद गौतम replied

सादर नमस्कार अशोक कुमार पचौरी जी आप मुझ को हमेशा ही प्रशंसा करके नेक इंसान समझ रहे हैं असल में वैसा हूं नहीं मैं तो अपने आप को बहुत छोटा सा और साधारण आदमी ही समझता हूं खैर आप ने नेक आदमी बना दिया इसके लिए आप का मैं शुरू से ही आभारी हूं और आभारी ही रहूंगा आप को फिर से बहुत बहुत धन्यवाद।

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