New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

बसंत बहार

बसन्त बहार
थोड़ा ही सही जीविका को अपनी संवार लेना ।
बसन्त की सुहावनी मनभावनी ऋतु तुमसे मिलने आई है॥

सुबह सवेरे की नींद को कुछ दिनों के लिए अलविदा कह देना।
गुलाबी ठण्डी पवन अपने स्पर्श से तुम्हें मनमोहक करने आई है॥

अपनी आँखों को भी थोड़ा सहला लेना ।
हरियाली बिखेरते खेत व रंग बिरंगे फूलों से सजी प्रकृति तुम्हें अपनी सुन्दरता का रस पान कराने आई है॥

श्रवण को अपने सचेत रखना ।
चह चहाते पक्षी , गुंजन करते भँवरे ,सर सराहट करते पेड़ तुम्हें संगीतमय कर सुख देने आए हैं ॥

थोड़ा ही सही वाणी को अपनी मधुर व पवित्र कर लेना
बसन्त ऋतु तुम्हारे जीवन को नई ऊर्जा से भरकर,तुमसे राग बसंती सुनने आई है॥

थोड़ा ही सही जीविका को अपनी सुधार लेना।
प्रकृति तुमसे मुलाकात करने आई है ..
वन्दना सूद




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Updesh Kumar Shakyawar said

तुम्हें संगीतमय कर सुख देने आए हैं...लाजवाब लाइनें

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 😊

कमलकांत घिरी said

वाह वाह वाह बहुत सुंदर रचना है मैम प्रकृति को बेहद खूबसूरती से चित्रित किए हैं, आपके लिखे हर लफ़्ज़ हमारी आंखों में झलक रहे थे बहुत सुंदर 👌👏🙌✍️🙏प्रणाम आपको🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया जी 😊

Lekhram Yadav said

वाह क्या बात है वन्दना जी, बहुत खूबसूरत लफ्जों से अपनी रचना को पेश किया है, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

आपको पसन्द आ गई ,इसी बात में खुशी है 😊

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


लिखन्तु - ऑफिसियल

यादें तेरी नौजवान...!

Apr 05, 2024 | कविताएं - शायरी - ग़ज़ल | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 28,163
© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन