New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

बाबा ब्याह ना देना,,, ताज मोहम्मद

बाबा ब्याह ना देना,,,
तुम मुझको दूर कहीं परदेश।।
जहां तुम सबको देखने को,,,
तरसे मेरे ये नैन।।

मैं चाहूं भी तो आ ना सकूं,,,
इतनी दूर ना हो मेरी ससुराल।।
जहां सोच सोच कर मैं तड़पू,,,
जानने को तुम सबका हाल।।

भईया जैसा प्यारा हो,,,
बाबा तुम जैसा रखवाला।।
पति ढूंढना ऐसा मेरा,,,
जो हो मुझको समझने वाला।।

बाबा तुमने उड़ने को,,,
मुझको खुला दिया आसमान।।
ससुराल ढूढना ऐसी,,,
जहां मिले मुझे तेरे आंगन सा सम्मान।।

हे, ईश्वर ये कैसा,,,
नारी का बनाया नसीब।।
जिसे अपनो को छोडकर,,,
जाना पड़ता अंजनों के करीब।।

अम्मा की यादों में,,,
मैं तड़पुंगी दिन और रात।।
सीखें उनकी लेकर जाउंगी,,,
मुझे पता बड़ी काम आएंगी जो है मेरे साथ।।

अम्मा बाबा से बोलो,,,
क्यों कहते है ऐसा?
बिटिया हूं उनकी,,,
फिर क्यूं बताते है मुझको धन पराया?

ताज मोहम्मद
लखनऊ












समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi sundar aur bhavuk prastuti salaam Taj sahab

Shyam Kumar said

Bahut sundar...man bhar aaya meri bhi ek bachii ha jise m bahut jyda pyar krta hu pr janta hu ek din mujhe chod kr chli jayegi. Jaane kese rhunga us se dur.

रीना कुमारी प्रजापत said

😥😥😥😥

Uma Shri said

Uttam rachna 👍 bahut sundar shabdon m prastuti Kiya hai

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन