कविता - जब शादी होती है....
जब लड़के की शादी
हो जाती है
बीबी उसकी जब उस के
घर आती है
नई दुल्हन पहले तो
ठीक ठाक ही चलता है
रहन सहन उठक
बैठक थोड़ा तो मिलता है
कुछ दिन बाद
एक दम से झट पट
उस घर पर लगता
फिर होने खट पट
बीबी सोहर को बोलती
ये लोग किस प्रकार के हैं ?
तुम्हारे मां और बाप तो
बिलकुल बेकार के हैं
तुम ध्यान से सुनो
मेरा ये कहना है
तुम्हारे मां बाप के साथ
मुझे नहीं रहना है
उधर बेटे के मां बाप बोलते
ये बहु कड़की है
इस को घर से भगा दे बहुत
बर्तमीज लड़की है
न इसे कुछ बोल सकते
न इसे कुछ कह सकते
इस के साथ तो हम
बिलकुल नहीं रह सकते
लड़का मां बाप और बीबी के
बीच में घिसता जा रहा
वह बेचारा किसे क्या कहे ?
समझ नहीं पा रहा
हर घर घर की
कहानी यही है
मगर ये सही
बिलकुल भी नहीं है
हर कोई बहु को अपने मन में
शुद्ध विचार भरना चाहिए
सास ससुर अपने मां बाप ही
हैं उन्हें आदर करना चाहिए
इसी तरह सास ससुर भी
बहु को प्यार दिया करो
बहु भी तो अपनी ही बेटी है
ये बात मान लिया करो
अगर हर घर घर में
ये बात लागू हो जाएगी
हमारे समाज और
देश में भी शांति आएगी
हमारे समाज और
देश में भी शांति आएगी.......