ना मेरी सोंच में बुराई है
ना मुझमें बुराई है
बुराई उन लोगों की सोंच में है
जो सोचतें हैं कि..
मेरी सोंच में बुराई है।
तोहमतें लगने से पहले
ज़रा देख लीजिएगा कि
एक मेरे तरफ़ तो चार
तुम्हारी तरफ़ उठ रहीं
उंगलियां हैं।
जो दूर कर दे अपनों को
अपनों से वो लोगों की
चुगलियां हैं
इसे सोचिएगा ज़रूर
तब बुराइयां मुझ में
खोजिएगा हुज़ूर..
ज़रा सोंच समझ कर
मैसेज करिएगा
दिल पर अपने हाथ रख कर हीं
किसी को कोशियेगा..
ज़रा अपने बारे में भी
सोचिएगा..
इतना इनायत तो ज़रूर
कीजियेगा...