तुम,जब भी आते हो
इश्क की तरह आते हो
आते ही, दिल में,
यूं ही, घर कर जाते हो
लम्हें तो गुजर जातें हैं
खुशी- गम का दीदार करते
तुम, मुस्कराते हो,
एक लम्हा छोड़ जाते हो
अब की बार आओ, तो,
बिना बताए आना
वरना, इंतजार में
खूब तड़पाते हो।।
आदरणीय लेखराम सर जी, परवेज जी, अशोक पचौरी जी, सुप्रिया जी महफ़िल आपके बिना अधूरा अधूरा सा लगता है।🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




