बाल कविता : दही परांठा....
सब्जी मंडी में था
एक लालू
उसके पास गया दौड़
कर कालू
कालू बोला, है
दोस्त लालू
देना मुझ को दो
किलो आलू
सब्जी मंडी से
ले आया कालू
थैली में डाल कर
दो किलो आलू
फिर आलू को
पतीले में डाला
चूल्हे में रख कर
दिया उसे उबाला
छिलका छिल आलू का
डस्टविन में डाला
उस पर रखा फिर
नमक और मसाला
उसी बखत मम्मी ने
परांठा बनाया
फिर मैंने जा कर
सभी को बुलाया
सभी मिल हम ने
दही परांठा खाया
आज सुबह नाश्ते में
बहुत मजा आया
आज सुबह नाश्ते में
बहुत मजा आया.......
netra prasad gautam