कविता - बुर्जुगों को सम्मान दीजिए....
आज कल के बेटे और बहुएं
क्यों ऐसे हो रहे ?
बिलकुल अपने न हो कर
पराए जैसे हो रहे
अपने मां बाप और सास
ससुर को इज्जत नहीं देते
उनकी सेवा करने के बजाए
उनको देख मुंह फेर लेते
हर घर घर में ये
बहुत गलत हो रहा
आज बूढ़े मां बाप और
सास ससुर का दिल रो रहा
हे बेटे और बहुओं अपने मां बाप
सास ससुर का ख्याल कीजिए
वे बुजुर्ग हो गए हैं उनको
आदर और सम्मान दीजिए
वे बुजुर्ग हो गए हैं उनको
आदर और सम्मान दीजिए.......