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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

यथार्थ है यह प्रेम-ताज मोहम्मद

यथार्थ है यह प्रेम या कोरी कल्पना मेरे
मन की...
स्मरण भर से प्रीतम का मेरा हृदय ब्यथित हो जाता है।
स्मृतियाँ जब आती है प्रेम की हृदय द्रवित हो जाता है।

प्रत्येक दिशा में,
खोजती है मीत को मेरी आँखें अश्रु बिन...
मृग तृष्णा सी,
रहती है मेरे हृदय की स्थिति प्रतिदिन...

यथार्थ है यह प्रेम या कोरी कल्पना मेरे
मन की...
क्या सूचित कर दू मैं उनको व्याकुलपन अपने मन का।
फिर सोचता हूं कही दूषित ना हो जाये संबध मित्र का।

हँसी का पात्र ना बन जाऊं कहीं इस जीवन की यात्रा में...
मीठा भी विष बन जाता है बहुत अधिक
मात्रा में...

यथार्थ है यह प्रेम या कोरी कल्पना मेरे
मन की...
बाल्यकाल से संग रह रहे है हम उनके।
फिर भी समझ ना पाये भाव हम दिलके।

एक तरफी है यह प्रेम की वर्षा...
उधर पड़ा है हृदय में प्रीत का सूखा...

यथार्थ है यह प्रेम या कोरी कल्पना मेरे
मन की...
प्रीतम के हृदय के भाव का हम पता
कैसे लगाये?
मेरे इतना सकुचाने से कही दूर ना वह
हो जाये?

यह प्रीत कहीं भ्रम ना हो बस मेरे मन का...
उसका स्वप्न ना हो कहीं दूसरे जीवन का...

यथार्थ है यह प्रेम या कोरी कल्पना मेरे
मन की...।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Vineet Garg said

Behatreen 👏👏

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी।

Ankush Gupta said

वास्तविकता और कल्पना का मिश्रण बहुत सुंदर

ताज मोहम्मद replied

आपका तहे दिल से शुक्रिया भाई जी।

Kapil Kumar said

बहुत खूब

ताज मोहम्मद replied

शुक्रिया।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Apne shabdon ke khajane mein se kuchh Shabd hamen bhi de dijiye bahut pyari Rachna

ताज मोहम्मद replied

ये आपकी महानता है जो ऐसा कह रहे हैं। आप लोगों से सीखता हूं फिर लिखता हूं। आपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी।

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