Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैं तुझसे चार कदम आगे चलने वालों में से हूॅं

कोशिशें ना कर मुझे हराने की, मैं हारने वालों में से नहीं हूॅं। (2)
कब तक पीछा करेगी मेरा तू,
मैं तुझसे चार कदम आगे चलने वालों में से हूॅं .......

कोशिशें ना कर मुझे अपना नाच नचाने की, मैं कोई कठपुतली नहीं हूॅं। (2)
कब तक मुझे अपने वश में करने की कोशिश करेगी तू, मैं तुझसे चार कदम आगे चलने वालों में से हूॅं...........

कोशिशें ना कर मुझसे आगे निकलने की, मैं पीछे रहने वालों में से नहीं हूॅं। (2)
कब तक कोशिशें करेगी मुझे पीछे छोड़ने की तू,
मैं तुझसे चार कदम आगे चलने वालों में से हूॅं........

कोशिशें ना कर मेरे अरमानों को मिटाने की, मैं कुछ छीन जाने पर रो कर बैठने
वालों में से नहीं हूॅं। (2)
कब तक करेगी कोशिशें मेरे सपनों को रौंदने की तू,
मैं तुझसे चार कदम आगे चलने वालों में से हूॅं.........

"रीना कुमारी प्रजापत"






समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Vineet Garg said

Inspiring poem 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

Lekhram Yadav said

न रख इतना लगाव मुझसे मैं पास आने वालों में नहीं हूं इतना अक्लमंद नहीं हू मगर मैं जाने वालों में नहीं हू। रीना जी बहुत सुन्दर रचना है आपकी।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत धन्यवाद

Ankush Gupta said

तुम कोशिश करो मुझे डराने की मैं डरने वालों में से नहीं हू‌

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🙏🙏

Kapil Kumar said

कहने को कुछ भी कह ले मैं तेरे बहकावे में आने वालों में से नहीं हूं बहुत सुंदर रचना

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Reena mam bahut hi achcha likha char kadam aage cselne wale mein se hun ,👏👏👍

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन