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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

वो देखते हैं मुझको

कापीराइट गीत

वो देखते हैं मुझ को शक की निगाह से
गुजरूं तो कैसे गुजरूं अब उनकी राह से


ये प्यार, ये दुनियां, है झूठी, सी कहानी
कह रही हैं ये आंखें अब प्यार की कहानी
जाऊं तो कैसे जाऊं मैं उन की राह से
गजरूं तो कैसे ......................


साहिल जिसे डुबोए तो लहरें क्या करेंगी
अपने ही छोड़ दें तो ये दुनियां क्या करेगी
हम हो गए हैं घायल यूं अपनी निगाह से
गुजरूं तो कैसे ......................


रक्खा ही क्या है इस जिन्दगी में अब
कब तक जिएंगे ऐसे इस जिन्दगी में अब
अब कैसे करूं मैं तौबा अपने गुनाह से
गुजरें तो कैसे .......................


जो थाम ले यह हाथ दिखता नहीं कोई

इस अजनबी जहां में मिलता नहीं कोई
गिरते हैं बार-बार हम अपनी निगाह में
गुजरें तो कैसे .......................

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Komal Raju said

Waah....behtarin

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित आपका बहुत बहुत आभार । ।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वो देखते हैं मुझ को शक की निगाह से गुजरूं तो कैसे गुजरूं अब उनकी राह से Kuch solution mile to bataiyega jarur hamara bhi bhala hoga ham bhi nahi gujar paate h unki raah se

Lekhram Yadav replied

सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अगर समाधान मिला तो सबसे पहले आपको ही बताऊंगा। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

अर्पिता पांडेय said

वाह बहुत खूब 🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

अर्पिता जी आपको धन्यवाद सहित नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत कुछ रखा है भाईसाहब इस ज़िंदगी में.... बहुत सुंदर रचना, इससे ज़्यादा इस रचना के लिए लफ्ज़ ही नहीं है

Lekhram Yadav replied

किन शब्दों में आपका शुक्रिया अदा करूं इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए। आपका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद।

वन्दना सूद said

बहुत ही सुन्दर पक्तियाँ 👏👏👌👌

Lekhram Yadav replied

वन्दना जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया

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