पानी फेर दो इन पन्नों पर ताकि धुल जाए स्याही सारी,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी,
पानी तो बहुत है पर क्या मिटेगी स्याही सारी
पसीने की स्याही से लिखी है जिन्दगी हमारी
जिन्दगी फिर से लिखने का ख्याल मन से छोड़ो
पसीने को स्याही बना कुछ नये पन्ने जोड़ो |
जिन्दगी के पुराने लिखे को न छेड़ो
खूबसूरत पलों को अपनी जिन्दगी में जोड़ो
जिन्दगी में लिखा कुछ नहीं होता पुराना
बचपन की दोस्ती में होता ग़जब याराना|