हसले-बोलले यार अगर प्यारी हे जिंदगी
हवा के जोंको से पल रही हे जिंदगी
वक़्त लगता नहीं बनने बिगड़ में दोस्त
गुलशन के शबनम सा ये घर हे जिंदगी
सोचा हे अगर कुछ तो कर गुजर ले
पत्ता नहीं पल की या दो पल की हे जिंदगी
अन्जाने रास्तो से भी हसकर मिलना चाहिये
इक दिन तो इसी राह तो चलना हे जिंदगी
बंजर में थकन और गर्द के सीवा कुछ नहीं
भरी बरसात में हो जाती हे सावन जिंदगी
के बी सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




