साहिल पर बैठ कर, दरिया की लहरों में
देख लो जन्नत की, तस्वीर अजब-गजब है
खेतों में दूर तलक,हरी हरी चादर में
हंसती और खेलती, तकदीर अजब-गजब है
वादियों में नृत्य करें, बादलों की नर्तकी
छेड़ दें फिजाओं में, प्रीत अजब-गजब है
सरसराती हवाएं,कल कल जलधार संग
महक सी बिखेरती,गीत अजब-गजब है
मरुथल की धूल में,देखो जरा लिपट कर
मां की नरम आंचल की, प्रीत अजब-गजब है
एक लाल सीमा पर,दूसरा भी भेज दूं
वीर माता पिता की,रीत अजब-गजब है
अलग-अलग जातियां, अलग-अलग संस्कृति
अलग आस्थाओं की लकीर, अजब-गजब है
अलग-अलग धर्म पंथ,देश की अखंडता की
बांधे रखे हैं कोई, जंजीर अजब-गजब है
देश की मिट्टी को, चूम चूम गातें है
भरा हुआ सीने में,आन अजब-गजब है
जीना है मरना है,देश के लिए ही
हर माथे लिखा है,शान अजब-गजब है
सर पे हिमालय की, हीरे का ताज है
ऊंची है देश प्रेम,राग अजब-गजब है
पांवों में सागर की, झांझर का राज है
गहरी मनभाव में, त्याग अजब-गजब है
समता और ममता की,दया और धर्म की
भाव है जगी जगी, परिवेश अजब-गजब है
दुश्मन को बार-बार,करता है सावधान
अद्भुत संस्कार भरा,देश अजब-गजब है।।
🇨🇮।।जय हिन्द।।🇨🇮
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