जिज्ञासा का बीज
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
मन के आँगन में उपजा, जिज्ञासा का छोटा बीज,
अनजान राहों पर चलने को, यह मन करता है रीझ।
क्यों और कैसे के प्रश्न उठते, भीतर को कुरेदते,
ज्ञान के सागर की गहराई में, गोते लगाने को प्रेरित करते।
सतही बातों से मन कहाँ माने, गहराई में उतरना चाहे,
हर परत को खोलकर देखे, रहस्य का पर्दा हटाए।
जैसे कोई अन्वेषक खोजे, अनछुए तथ्यों का भंडार,
जिज्ञासा की उँगली पकड़े, मन करता जग का दीदार।
हर खुला रहस्य, एक नई राह दिखाता है,
जीवन की सच्चाई का, एक नया नज़ारा दिखलाता है।
यह जिज्ञासा ही तो है साथी, जो हमें आगे बढ़ाती है,
अज्ञान के अंधकार से लड़कर, ज्ञान की ज्योति जलाती है।
तो कभी न दबने देना, इस मन के भीतर की आग,
जिज्ञासा की लौ से ही रोशन होगा, जीवन का हर भाग।
क्योंकि सच्चाई की राहों पर, यही तो है सच्चा मीत,
जो हर रहस्य से पर्दा हटाकर, जीवन को सिखाता प्रीत।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




