आओ इस बार दिवाली कुछ इस तरह मनाएंँ
करें जतन कुछ ऐसा गम सबका दूर भगाएंँ
कटुता ख़त्म हो जाएगी द्वेष मिट जाएगा
हम सब अपने अंदर प्रेम का दीप जलाएंँ
डूब गई है आँखें जिनकी निराशा के गह्वर में
रोशनी भर दें उनमें आस का दीप जलाएँ
अपने जले आशियाने को देख जो हिम्मत हार बैठे हैं
उनमें हौसलों और उम्मीदों का दीप जलाएँ
जो छोड़ गए इस जहां में सदा के लिए हमें तन्हा
उनकी याद में हम यादों के दीप जलाएँ
आओ इस बार दिवाली कुछ इस तरह मनाएँ
करें जतन कुछ ऐसा गम सबका दूर भगाएंँ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




