जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं
उम्र का हर पड़ाव एक सीख देता है
कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है
हर पड़ाव नयी मंज़िल की ओर ले जाता है
नया रंग,नया रूप,नया व्यवहार
नयी सोच,नयी समझ,नयी ज़रूरतें
ऐसा बदलाव जो नयी राह की तैयारी होता है
सबकी ज़िन्दगी में होता है और सबको अपनाना ही पड़ता है ..
यही इस जीवन की अनकही सीख भी है
अकेले तो चलना ही पड़ेगा,आज नहीं तो कल
अपनी राह का स्वयम् को राही बनाना ही पड़ेगा
अपने मन को अपने सही गलत का गुरु बनाना होगा
मातृ भाव रख स्वयम् का ध्यान रखना होगा
हर बदलाव आगामी जीवन की नींव है ऐसा समझकर चलते जाना होगा ..
वन्दना सूद