मेरी आँखों नम है क्योंकि दर्द की शाम है,
हर एक लम्हा कहता है, बस केवल तेरी ही कमी है
आदमी के चरित्र की तरह इच्छाओं का भी अपना एक चरित्र है,
अपने मन की बात हो तो बहुत अच्छी लगती है,
दूसरों के मन की बात हो तो बहुत खटकती है
नसीब, हाथ की लकीर, भाग्य पर भरोसा करना छोड़ दीजिए,
जान से प्यारे लोग बदल सकते हैं, तो किस्मत क्या चीज है
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलते,
रिश्ते एक बार बनते हैं,
फिर जिंदगी रिश्ते के साथ चलते हैं
----धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'